सप्लीमेंट्स के नुकसान

सप्लीमेंट्स और प्रोटीन पाउडर भले ही आपकी मांसपेशियों के निर्माण में प्रभावी हों, लेकिन इसके बहुत दुष्प्रभाव हैं। जानिए कैसे !
अलग अलग प्रकार के सप्लीमेंट्स::-
वेट गेनर सप्लीमेंट्स
वेट गेनर सप्लीमेंट्स वजन बढ़ाने वाले सप्लीमेंट्स होते हैं। ये पाउडर के रूप में बाजार में मिलते हैं। इनमें प्रोटीन का स्तर काफी ऊंचा होता है और कई बार ये हाई प्रोटीन नुकसानदायक या जानलेवा भी सिद्ध हो सकते हैं। अगर आप वर्कआउट के लिए जिम जाते हैं और वहां अपने ट्रेनर से अपना वजन बढ़ाने के बारे में पूछते हैं तो अधिकतर ट्रेनर आपको प्रोटीन सप्लीमेंट लेने की राय दे देते हैं। और आप भी जल्दी-जल्दी अपना वजन बढ़ाने के लालच में बिना इसके साइड इफेक्ट जाने इनका इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। लेकिन बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह लिए इस तरह के सप्लीमेंट लेना आपके लिए घातक है। डाइट से हमारे शरीर में जाने वाला प्रोटीन धीरे-धीरे काम करता है, जबकि इन प्रोटीन सप्लीमेंट्स से शरीर में जो आर्टिफिशियल प्रोटीन जाता है वो अपना असर तुरंत दिखाता है। हमारा शरीर इतना प्रोटीन सहन नहीं कर पाता और पाचन संबंधी परेशानियों का हमें सामना करना पड़ता है। सप्लीमेंट से मिलने वाला प्रोटीन हमारे शरीर में ज्यादा मात्र में पहुंचने के कारण फैट में बदल जाता है और कोलेस्ट्रॉल के रूप में हमारे शरीर में जमा हो जाता है, जिससे स्ट्रेस लेवल बढ़ता है। और दिल की बीमारियां हो सकती हैं।
वेट लूज सप्लीमेंट्स
आजकल मोटापा एक आम समस्या बन चुकी है। युवा इसके लिए वेट लूज इंजेक्शंस और कैप्सूल्स इस्तेमाल करते हैं। वेट लूज करने वाली ड्रग्स में क्रोमियम का इस्तेमाल किया जाता है, जो मधुमेह रोगियों को दिया जाता है। आमतौर पर 20 मिनट तक वर्कआउट करने के बाद शरीर की वसा जलनी शुरू होती है, क्योंकि इससे पहले काबरेहाइड्रेट बर्न होता है। लेकिन ये ड्रग्स आठ से दस मिनट के अंदर ही वसा को जलाना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा ये ड्रग्स शरीर में पानी की कमी कर देते हैं, जिनसे भी वजन कम होता है। भले ही ये दवाइयां अपना असर जल्दी दिखाती हों, लेकिन इनके नुकसान इससे कहीं ज्यादा हैं। शरीर में पानी की कमी होने के कारण डीहाइड्रेशन हो जाता है, जिससे मौत भी हो सकती है।
कई और नुक्सान::-
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं
कुछ मांसपेशियों का बढ़ाने वाले उत्पादों का प्रयोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण बन सकता। कई सारे बॉडी बिल्डिंग सप्लीमेंट्स में पाया जाने वाला क्रेटीन, पेट की खराबी और दस्त होने का कारण बन सकता है। साथ ही यदि आप लैक्टोज के प्रति सहज नहीं हैं तो आपको सूजन हो सकती।
किडनी को हानि
क्रेटीन सबसे लोकप्रिय मांसपेशियों के सप्लीमेंट में से एक है। मांसपेशियों की वृद्धि में क्रेटीन का अधिक प्रभाव होता है तथा इसकी कीमत भी अपेक्षाकृत कम है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि क्रेटीन के प्रयोगों से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। क्रेटीन, लंबे समय तक चलने वाली किडनी संबंधित बीमारियों, यहां तक की किडनी फेल्योर का कारणी बन सकता है। इसलिए कोई भी सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अनिद्रा
कई मांसपेशियां बढ़ाने वालो उत्पादों में क्रेटीन और कैफीन होते हैं जो आपके वर्कआउट को अधिक तीव्र कर देते हैं। हालांकि कैफीन युक्त उत्पादों का नियमित रूप से प्रयोग परेशानी पैदा कर सकता है। इनके कारण थकान और अनिद्रा की समस्या हो सकती है।
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